जहाँ हो दलित अत्याचार करें सिर्फ एक पुकार राष्ट्रीय दलित युवा मोर्चा

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Wednesday, April 14, 2010

लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार में दलितों के साथ न्याय हो सका ?

 अभी हाल ही में न्यायलय द्वारा  लक्ष्मण बाथे गावं में हुए सामूहिक दलित नरसंहार में शामिल आरोपियों को सजा ए मौत की सजा  दी गयी ! लेकिन सवाल सिर्फ इतना है की केवल कुछ लोंगों को सजा देने से बाथे गावं के दलितों परिवारों  के साथ न्याय हुआ ?     
जहानाबाद जिले के लक्ष्मनपुर बाथे गावं की दलित बस्ती का हर शख्स १ दिसम्बर १९९७ की उस घटना से वाकिफ हैं, जब ऊँची जाति के लोंगों बनाई गयी रणवीर सेना गिरोह के लोंगों ने दिन-दहाड़े 57 लोंगों को गोलियों से भून डाला था ! एक ही दिन में बस्ती के ५७ लोग मारे गए थे,जिनमे २७ महिलाएं थी और १० बच्चे थे ! करीबी लोंगों के मुताबिक इनमे से १० महिलाएं गर्भवती भी थी ! कहा गया था की लाल झंडेवालों के साथ जुड़ने की सजा रणवीर सेना की तरफ से उस बाथे गावं की दलित बस्ती को दी गयी !जबकि असलियत यह थी की सदियों से चली आ रही शोषण-उत्पीड़न और जातीय आधार पर बनाई गयी मनुवादी व्यवस्था को मानने से वहां के दलितों ने इंकार कर दिया था ! इस फैसले से बाथे गावं के वो दलित परिवार जों पिछले तेरह वर्षों से न्याय की आस लगाये बैठे थे वे आज खुद को निराश महसूस कर रहे हैं !
अपनों से बिछुड़ने के घाव फिर हरे हुए हैं !६० साल के बौद्ध पासवान , जिनकी पत्नी, चार लड़के, दो लड़कियां इस नरसंहार में मर दी गयी . पूंछते हैं की आखिर इतने कम लोंगों को सजा क्यों हुई? बिमलेश ने अपनी आखों के सामने अपने पिता सोहर राज्वंसी, भाई मतरमल,और कमलेश तथा उनकी पत्नियों को ढेर होते देखा जब गोलियां दागते रणवीर सेना के कारिंदे उनके घर में दाखिल हुए ! उनकी इस पीड़ा को कौन समझ सकता हैं  ?
इस नरसंहार के बाद तत्कालीन राबड़ी देवी सरकार ने २७ दिसंबर १९९७ को न्यायधीश आमिर दस के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया ताकि रणवीर सेना के राजनितिक रिश्तों का पता लगाया जा सके ! हालाँकि ८ साल बाद जबकि आयोग द्वारा करोड़ों रूपए खर्च किये जा चुके थे और आयोग अपनी रिपोर्ट जमा करने ही वाला था सत्ता में पहुंची भाजपा के समर्थन वाली नितीश कुमार सरकार ने इस आयोग को भंग कर दिया था !
आयोग ने ४२ बड़े राजनेताओं तथा ४८० लोंगों से पूंछतांछ की थी, जिसमे भाजपा के वरिष्ट नेता मुरली मनोहर जोशी,रामाश्रय प्रसाद सिंह,जनता दल (उ) के शिवानन्द तिवारी आदि सभी शामिल थे , द हिन्दू के मुताबिक °आयोग की report° भाजपा के कई वरिष्ट नेताओं की इस मामले में रही मिलीभगत पर भी रौशनी ड़ालती हैं !
निशचित ही बाथे जनसंहार के मास्टर माइंड तक जब तक कानून के हाँथ नही पहुँचते तब तक दलितों और उनके अधिकारों की बात करने वाले तमाम संघठनो को चैन से नही बैठना चाहिए,
                                             जय-भीम 

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